हिंदू धर्मं बचाना हो तो एक एक हिंदू को दस दस बटे पैदा करने चाहिए । यह बात माताओ को अछी नही लगेगी लेकिन फ़िर भी कहूँगा भगवान श्री कृष्णाने आठ विवाह किए या नही किए ? दशरथ महाराज ने तिन विवाह किए या नै किए ? और तुमरे गणपति बाप्पा मोरया जो है ........... बोलो ना कितनी पत्निया है उनकी ? दो पत्निया है ना ? तो अगर अहिंसक क्रांति करना चाहती हो देवियो तो एक बलिदान करो अपने भाईओको अपने बेटो को इस बात के लिए तैयार करो की एक अपने मुल्क की कन्या से विवाह करे और एक देशद्रोहियो के मुल्क की कन्या से विवाह करे और इन दो पत्नियो से दस दस बेटे पैदा करे यदि तुमको भारत माता को बचाना है ......
RSS चा हात धरून आता VHP एक step पुढे गेली RSS ने एका घरात तिन वशाचे दिवे संगितल होत मात्र VHP ने तिन से मेरा क्या होगा सांगत एका घरात १० वंशाचे दिवे जन्मास घालावे अस आवाहन केलय
विश्व हिंदू परिषद् चे आचार्य धर्मेन्द्र हे नेहमीच आपल्या भाषाणासाठी वादग्रस्थ ठरेलत गोव्यात सुद्धा त्यानी असाच धिंगाणा घातला हिंदू धर्माच्या रक्षणा साठी आता त्यानी चक्क १० बेटे पैदा करा अस आवाहन केलय विशेष म्हणजे हिंदू ध्रामाच्या रक्षणा साठी बेटे ह्या शब्दाला त्यानी विशेष जोर दिलाय ते सुधा दोन विवाह करून ... आचार्य जी दस बेटों को पैदा करते समय गर दो तिन लड़किया पैदा होगई तो ????? अरे आचार्य ये हिंदू तब तक बचा पैदा करते रहे गा जब तक इसका target पुरा नही होता और सोचो गर target पुरा नही हुआ तो ??? इससे अछा है आप अपना स्टेटमेंट बदल दो कहो की संतानों को पैदा करो ....और फ़िर भी संख्या नही बढ़ी तो ????? तो अपनी माँ बेहेन की मदत लेना ...
काश मै लड़का होता आचार्य जी तो आपकी मदत करती १० नही आचार्य जी १० dozen बच्चे पैदा करने के लिए अपना पुरा जीवन हिंदुत्व के लिए अर्पित करती बस अपने बेहेन या माँ को मेरे पास भेजने का कष्ट आपको करना पड़ता
क्या बेटिया हिंदू धर्म की रक्षा नही कर सकती ? क्या बच्चे पैदा करना यह एक ही option हिंदू धर्मं के बचाव के लिए ओरतो के पास है ? आचार्य तुमने वहा मौजूद ओरतो क्यू नही कहा की जीजा माता बनो क्यू नही कहा की झासी की रानी बनो ??? शायद उसके बाद हर घर से एक बेटा शिवाजी या एक बेटी झासी की रानी पैदा होती आपके हिंदू धर्म की रक्षा के लिए है ना ???
हिंदू धर्मं नही है आचार्य जी हिंदू संस्कृति है और हिंदुस्तान का हर एक व्यक्ति हिंदू है यह आप क्यू भूल रहे हो
सोमवार, 12 जनवरी 2009
शुक्रवार, 9 जनवरी 2009
सुना है कुछ ख्वाबोका खून हुआ है ...................
मुबईवरील आतंकवाद्यानी केलेल्या हल्ल्या मूले व्यथित झालेल्या कवी मनाच्या गुलज़ार यानी आपल्या कवितेतून आतंकवाद्यांच्या अमानवी कृतीचा निषेद व्यक्त केल्या सरहद पर से कुछ मेहमान आये थे ..... सुना है कुछ ख्वाबोका खून हुआ है ...................
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