मंगलवार, 28 अप्रैल 2009

परशुराम भूमि गोवा


( हिन्दी मे थोडी गड़बड़ हो सकती है PLZ COMPRAMISE )

यह ब्लॉग उन कथित हिन्दुस्तानियो और खास कर मेरे पत्रकार मित्रो को {इलेक्ट्रॉनिक-मीडिया} समर्प्रित कर रही हु जिन्हें हिंदुस्तान का इतिहास और भूगोल का ज्ञान नही है और फ़िर भी न्यूज़ डेस्क पर बैठकर बाकी पत्रकारों का नेतृत्व कर रहे है। हिंदुस्तान का सबसे छोटा प्रान्त गोवा जिसे मीडिया वालो ने हमेशा अश्लील नजरो से देखा गोवा को हमेशा नंगा हिन्दुस्तानियो के सामने अपने बकवास टीवी चेनलो के द्वारा expose किया ,जभी गोवा की स्टोरी दिखानी हो तो कोई भी विदेशी सैलानी नग्न अवस्ता मे दिखाकर गोवा की पहचान करवाते है । समंदर किनारे बिकनी मे खड़ी लड़की को गोवा की BRAND AMBASSADOR के रूप मे दिखाया ....
इन कथित पत्रकारों और हिंदुस्तान के कमीने लोगो को लगता है की गोवा मे ओरते नंगी घुमती है गोवा मे सिर्फ़ क्रिश्चियन लोग रहते जिस के कारण यहाँ पे सिर्फ़ क्रिसमस और कार्निवल जैसे त्यौहार मनाये जाते है । दुःख होता है की ऐसे लोग आज पत्रकारिता मे है जिनको अपने ही देश के राज्योके बारेमे कुछ पता नही होता । और इसी के कारण मुझे उस दिन एक पत्रकार के मुह से यह सवाल सुसनेको मिला " गोवा मे हिंदू लोग है ??? पत्रकार बंदु हमारे मुख्य मंत्री का नाम दिगंबर कामत है आपने दिगंबर नाम क्रिश्चियन समाज मे सुना है ??? दिगंबर का अर्थ समजते भी हो या नही ? लता दीदी जिनको पुरा विश्व लता मंगेशकर के नाम से पहचानते है क्या आपको पता है की वे गोवा की है और हिंदू है ??? डॉक्टर रघुनाथ माशेलकर ( He is the former Director General of the Council of Scientific & Industrial Research (CSIR) ) डॉक्टर अनिल ककोड्कार ( is an eminent Indian nuclear scientist, ) हेमा सरदेसाई - singer ,दिलीप सरदेसाई - former Indian cricketer, सब गोवा के है लेकिन उससे पहले हिन्दुस्तानी है.गोवा हिंदू राष्ट्र अभिमानी है लेकिन मीडिया वालोने गोवा की प्रतिमा को रोमन वैश्या की तरह हिन्दुस्तानियो के सामने रखा और इसी कारण विदेशी सैलानिओके साथ साथ हमारे देश के लोग भी गोवा आते ही उन्ही का आदर्श लेके चलते है । गोवा की लड़कियों को यह कमीने लोग sources of sex की नजरोसे देखते है । गोवा का नाम इन कमीने लोगो की वजहसे और खास कर मीडिया वालो की वजहसे बदनाम हुआ और हो रहा है .......

१४ लाख लोकसंख्या मे गोवा की लगभग ६०% आबादी हिंदू है और लगभग 28% आबादी ख्रिस्ती है गोवा की एक खास बात ये है की यहाँ के ख्रिस्ती समाज में भी हिंदू जैसी जाती पाई जाती है संसृति की दृष्टी से गोवा की संकृति काफी प्राचीन है १००० सल् पहले कहा जाता है की गोवा कोंकण काशी के नाम से जाना जाता था हलाकि पोर्तुगीज लोगों ने यहाँ के संकृति का नामोनिशान मितानेके लिए बोहोत प्रयास किए लेकिन यहाँ की मूल संस्कृति इतनी मजबूत थी की धर्मांतर के बाद भी वोह मिट नही पाई।
मेरे इसी गोवा का संकृतिक इतिहास

गोकर्णादृत्तरे भागे सप्तयोजनविस्तरूतंमतत्र
गोवापुरी नाम नगरी पापनाशिनी ॥ १ ॥

गोवापुरी अर्थात गोवा को पापनाशिनी कहा गया है" ( अफ़सोस हमारा कथित पत्रकार गोवा को पापी नजरोसे देखता है स्कारलेट वाले केस के बाद कुछ ज्यादा )पापनाशिनी "यह एक वाक्य गोवा का श्रेष्टत्व साबित करता है

गोवा हिंदुस्तान का का सबसे छोटा और जनसँख्या के हिसाब से दूसरा सबसे छोटा प्रान्त है । गोवा जो पुरी दुनिया मे अपने खुबसूरत समंदर मंदिर और चर्च के लिए मशहूर है ।महाभारत मे गोवा का उल्लेख गोपराष्ट्र पाया जाता है अन्य पुराणोमे गोपकपुरी गोपकपत्त्नाम इन नामोसे उल्लेख किया गया है । जब कदंबा का राज गोवा मे शुरू हुआ तब गोवापुरी, गोपकापाटन ,गोमन्तक यह नाम इसछोटे से प्रान्त को मिला । आज भी गोवा को गोमन्तक या गोमंतानगरी से गोवा वासी सम्भोदित करते है । माना जाता है की गोवा की रचना भगवान परशुराम ने की थी कहा जाता है कि परशुराम ने एक यज्ञ के दौरान अपने बाणों की वर्षा से समुद्र को कई स्थानों पर पीछे धकेल दिया था इसीलिए गोवा को परशुराम भूमि भी कहा जाता है और लोगों का कहना है कि इसी वजह से आज भी गोआ में बहुत से स्थानों का नाम वाणावली, वाणस्थली इत्यादि हैं। उत्तरी गोवा में हरमल के पास आज भूरे रंग के एक पर्वत को परशुराम के यज्ञ करने का स्थान माना जाता है और दक्षिण गोवा में भगवान परशुराम का मदिर है जो की ३०० या ४०० साल है गोवा की खूबसूरती केवल यहां के सागर तटों या चर्च तक ही सीमित नहीं है।गोवा के पवित्र मंदिर जिनसे श्री कामाक्षी, सप्तकेटेश्‍वर, श्री शांतादुर्ग, महालसा नारायणी, परनेम का भगवती मंदिर और महालक्ष्मी आदि दर्शनीय है।

पुरे हिंदुस्तान मे गोवा ऐसा राज्य है जहा पे गणेश चतुर्थी अलग तरह से मनाई जाती है गणेश जी के साथ साथ यहाँ जंगली पेड पौदों की भी पूजा करते है महाराष्ट्र जैसे जगह सार्वजनिक गणेश उत्सव मनाये जाते है वही गोवा मे सर्वजनी गणेश के साथ साथ हर एक के घर मे गणेश जी की स्थापना की जाती है मनो २०० लोगो की वस्ति हो तो उस गाव मे लगभग १०० से १५०के घरो मे गणेश जी की स्थापना करते है गणेश चतुर्थी गोवा का सबसे बड़ा त्यौहार है । यहाँ का हर एक त्यौहार अलग ढंग से मनाया जाता है दिवाली से लेके होली तक । गुडी पडवा हिंदू नव वर्ष यहाँ पे सार्वजनिक रूप से मनाया जाते है लेकिन कथित हिन्दुस्तानी गोवा मे 31ST मानाने आते है । गोवा के हिंदू त्योहारों के बारेमे बोहोत कुछ बता सकती हु लेकिन फ़िर कभी अंत मे फ़िर से कहूँगी गोवा हिंदू प्रान्त है नाकि पूरब का रोम

10 टिप्‍पणियां:

guess who m i? ने कहा…

bahot gussa dikh raha he is post me. apni matru bhumi ke liye itna dedication achha he. magar gussa sehat ke liye achha nahi. be cool. or apne lekh ya post me KAMINE jese shabdo ka upyog muje thik nahi laga.

यती ने कहा…

agli baar bina galiya diye post prakashit karne ki koshish karungi ..... advice dene k liye thanks

uthoveero ने कहा…

यति आपके द्वारा प्रदर्शित गोवा का इतिहास सार्वजनिक रुप से राज्य स्तर पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए..लेकिन मीडिया के खिलाफ भडास कुछ हद तक तो ठीक हो सकती है मगर पूर्णत सत्य नही है..गोवा को विश्न पटल पर एक ऐतिहासिक और पारंपरिक देश बनाने का दायित्व आप जैसों को अपने कंधों पर उठाना होगा...वन्दे मातरम..

यती ने कहा…

वन्दे मातरम..

Unknown ने कहा…

आपने जो लिखा है वो प्रशंशा के लायक है।

Unknown ने कहा…

आपने जो लिखा है वो प्रशंशा के लायक है।

Unknown ने कहा…

मैं कोंकण के बारे में जानने को बहुत उत्सुक था और गोआ के बारे में इतनी जानकारी तो मुझे अब तक थी ही नहीं ,आपने जो भी लिखा है वो perfect है।
भगवान् परुषराम ने कोंकण की रचना की थी ये तो पढ़ा था परुंत गोआ के बारे में इतना कुछ आज मालुम हुआ,आपको धन्यवाद।

Unknown ने कहा…

इन कथित पत्रकारों और हिंदुस्तान के कमीने लोगो को लगता है की गोवा मे ओरते नंगी घुमती है ।
ऊपर जो ये लाइने लिखीं हैं आपने इसको सुधारियेगा बाकी आपको धन्यवाद।

Unknown ने कहा…

इन कथित पत्रकारों और हिंदुस्तान के कमीने लोगो को लगता है की गोवा मे ओरते नंगी घुमती है ।
ऊपर जो ये लाइने लिखीं हैं आपने इसको सुधारियेगा बाकी आपको धन्यवाद।

Unknown ने कहा…

मैं कोंकण के बारे में जानने को बहुत उत्सुक था और गोआ के बारे में इतनी जानकारी तो मुझे अब तक थी ही नहीं ,आपने जो भी लिखा है वो perfect है।
भगवान् परुषराम ने कोंकण की रचना की थी ये तो पढ़ा था परुंत गोआ के बारे में इतना कुछ आज मालुम हुआ,आपको धन्यवाद।